सहकारी बैंक भारत के ग्रामीण भागों में ऋण प्रदान करने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। चीनी सहकारी समितियों की तरह, ये संस्थाएं स्थानीय राजनेताओं के लिए शक्ति का आधार हैं।
ऋण क्या होता है?
ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं।
ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित. ऐतिहासिक रूप से, ऋण अनुबंधित नौकर के सृजन हेतु जिम्मेदार था।
ऋण के प्रकार
Types of Credit
कोई भी कंपनी अपने कार्यकलापों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये कई तरह के ऋणों का प्रयोग करती है। विभिन्न प्रकार के ऋणों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
- सुरक्षित एवं असुरक्षित ऋण
- निजी एवं सार्वजनिक ऋण
- संघीय एवं द्विपक्षीय ऋण
- आधारभूत ऋण
- बैंकर्स डज़न
- संघीय ऋण
- बांड के द्वारा ऋण
- अन्य प्रकार के ऋण – जो उपरोक्त वर्णित ऋणों के एक या अधिक लक्षणों को व्यक्त करता है।
1. सुरक्षित एवं असुरक्षित ऋण
ऋण दायित्व को सुरक्षित माना जाता है यदि ऋणदाता को कंपनी की परिसंपत्तियों को बेचने का मालिकाना हक हो या अन्यथा कंपनी के विरुद्ध सामान्य दावों से आगे हो. असुरक्षित ऋण में वित्तीय दायित्व शामिल हैं, जहाँ ऋणदाता को उसके दावों को पूरा करने के लिये ऋणप्राप्तकर्ता की परिसंपत्ति पर अधिकार न हो।
2. निजी एवं सार्वजनिक ऋण
निजी ऋण में बैंक ऋण प्रकार के दायित्व शामिल हैं, चाहे वरिष्ठ हों या बीच के। सार्वजनिक ऋण एक सामान्य परिभाषा है जिसमें सभी वित्तीय अधिकार शामिल हैं जो कि एक सार्वजनिक एक्सचेंज (बाज़ार) या पटल पर मुक्त रूप से व्यापार योग्य होते हैं, यदि कोई प्रतिबंध हो।
3. संघीय एवं द्विपक्षीय ऋण
ऋण का संघीकरण एक जोखिम प्रबंधन तरीका है जो अग्रणी बैंकों को अपने जोखिम को कम करने एवं ऋण प्रदान क्षमता को मुक्त करने के लिये ऋण को अधोलिखित करने की अनुमति देता है।
4. आधारभूत ऋण
आधारभूत ऋण सबसे सरल तरीके का ऋण है। इसमें एक अनुबंध के द्वारा एक नियत समय में पुनर्भुगतान के लिए रकम प्रदान करना सम्मिलित होता है। वाणिज्यिक ऋणों में, ऋण की मुख्य राशि पर प्रतिवर्ष प्रतिशत के रूप में किये गये ब्याज का भी उस तिथि तक भुगतान करना होता है।
5. बैंकर्स डज़न
कुछ ऋणों में, ऋण प्राप्तकर्ता को वास्तविक रूप से दी गयी राशि उसके द्वारा वापस की जाने वाली राशि से कम होती है; अतिरिक्त मुख्य राशि का उच्च ब्याज दर (देखें बिंदु (बंधक राशि) की तरह ही आर्थिक प्रभाव होता है एवं इसे कभी-कभी बैंकर का दर्जन संदर्भित किया जाता है, “बैंकर्स डज़न” पर एक नाटक – मांगे गये बारह (एक दर्जन) पर ग्यारह का ऋण प्राप्त होता है (एक बैंकर का दर्जन)।
नोट करें कि प्रभावी ब्याज दर छूट के बराबर नहीं है : यदि कोई $10 प्राप्त करता एवं $11 पुनर्भुगतान करता है, तब यह ($11 – $10)/ $10 = 10% ब्याज है; हालाकि, यदि कोई $9 प्राप्त करता एवं $10 पुनर्भुगतान करता है, तब यह ($10 – $9)/ $9 = 11 1/0% ब्याज है।
6. संघीय ऋण
एक संघीय ऋण किसी कंपनी को दिये जाने वाला वह ऋण है जिसमें वह कंपनी उतनी धनराशि चाहती है जिसे कोई ऋणदाता एकल ऋण के रूप में जोखिम लेने को तैयार न हो, सामान्यतः यह राशि कई मिलियन डॉलर होती है। ऐसे मामलों में, बैंकों का संघ मुख्य धनराशि के एक अंश को प्रदान करने हेतु सहमति प्रदान करता है।
7. बांड के द्वारा ऋण
ऋण की सुरक्षा हेतु निश्चित संस्थानों जैसे कि कंपनियों एवं सरकारों द्वारा बांड जारी किये जाते हैं। बांड के द्वारा ऋण प्राप्तकर्ता को मुख्य राशि को ब्याज सहित वापस करने की बाध्यता होती है। धन प्राप्ति के इच्छुक संस्थान द्वारा भी बाज़ार में निवेशकों को बांड जारी किये जाते हैं।
बांड की एक निश्चित अवधि होती है, सामान्यतः कुछ वर्ष ; दीर्घाविधि बांड सहित, जो 30 वर्ष तक चलते हैं, सामान्यतः कम प्रचलित हैं। बांड की अवधि की समाप्ति पर पूरी धनराशि वापस करनी चाहिये। अंतिम भुगतान के समय ब्याज को भी जोड़ना चाहिये या इसे बांड की जीवनावधि में नियमित किस्तों (कूपन के रूप में प्रचलित) द्वारा भुगतान किया जा सकता है।
बांड का बांड बाज़ार में व्यवसाय किया जा सकता है एवं इसे इक्विटी की तुलना में सुरक्षित निवेश के रूप में विस्तृत रूप से प्रयोग किया जाता है।
8. अन्य प्रकार के ऋण
अन्य प्रकार के ऋणों में जैसे कृषि ऋण, होम ऋण, कार ऋण, आदि प्रकार के लोन आते हैं। हम यहाँ बात कृषि ऋण और उसकी समस्याओं की कर रहे हैं। तो इससे आगे कृषि ऋण के बारे में ही चर्चा करेंगे-
कृषि ऋण क्या है?
What is Agriculture Credit?
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, जिसमें कृषि एक प्रमुख क्षेत्र है, को उचित ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। सर्वांगीण विकास को गति देने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन की आवश्यकता होती है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया कि कृषि क्षेत्र में ऋण आवंटन को प्राथमिकता दें। पंचवर्षीय योजना में कृषि के लिए विशेष बज़ट आवंटन के मद्देनजर किसानों पर निर्भर है कि वे बैंको द्वारा प्रदत्त योजना से किस हद तक लाभ उठाते हैं।
कृषि ऋण प्रदान करने वाले बैंक
1. इलाहाबाद बैंक
किसान शक्ति योजना
- किसान अपनी पसंद के कार्य में ऋण का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र
- किसी मार्ज़िन की जरूरत नहीं
- निजी/घरेलू उद्देश्य के लिए 50 प्रतिशत तक के ऋण राशि का उपयोग किया जा सकता है जिसमें साहूकारों के ऋणों की पुनर्अदायगी भी शामिल होगी।
2. आंध्रा बैंक
आंध्रा बैंक किसान ग्रीन कार्ड
- निज़ी दुर्घटना बीमा योजना के अधीन सुरक्षा (पी.ए.आई .एस)
3. बैंक ऑफ बड़ौदा
- शुष्क भूमि कृषि के लिए सेकेण्ड हैण्ड ट्रैक्टर्स खरीद योज़ना
- डीलर्स/वितरक/कृषि आगत के व्यापारी/ पशुधन के लिए आवश्यक पूँज़ी
- कृषि औज़ारों को किराये पर लेना
- बागवानी का विकास
- डेयरी का विकास
- डेयरी, सुअर पालन, मुर्गी पालन, रेशमकीट पालन इत्यादि में कार्यरत यूनिटों के लिए कार्यगत पूँज़ी।
- कृषि औज़ारों, साधनों, बैलों की ज़ोड़ी, सिंचाई सुविधाओं के सृज़न हेतु अनुसूचित जाति/जनज़ाति वर्गों को वित्तीय सहायता।
4. बैंक ऑफ इंडिया
- स्टार भूमिहीन किसान कार्ड – साझेदारों, काश्तकारी किसानों के लिए।
- किसान समाधान कार्ड – फसल उत्पादन एवं अन्य संबंधित निवेशों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड
- बैंक ऑफ इंडिया शताब्दी कृषि विकास कार्ड– किसानों के लिए कहीं भी किसी भी समय बैंकिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड
- संकर बीज़ उत्पादन, कपास उद्योग, गन्ना उद्योग इत्यादि में ठेका कृषि के लिए अनुदान
- स्वयं सहायता समूह के लिए विशेष योजना और महिलाओं को सशक्त बनाना
- स्टार स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान (एस. एस.पी .एस)- किसानों के लिए उद्यमीय प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु नई पहल।
- फसल ऋण– 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 3 लाख रुपये तक।
- सहयोजित सुरक्षा– 50 हज़ार रुपये तक, किसी प्रकार के प्रतिभूति की आवश्यकता नहीं, परन्तु 50 हज़ार से ऊपर के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
5. देना बैंक
देना बैंक- गुज़रात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं दादरा व नगर हवेली एवं केन्द्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से सक्रिय है।
देना किसान गोल्ड क्रेडिट कार्ड स्कीम
- 10 लाख रुपये तक की अधिकतम ऋण सीमा
- बच्चों की शिक्षा को मिलाकर घरेलू व्यय हेतु 10 प्रतिशत का प्रावधान
- 9 वर्षों तक दीर्घावधि पुनर्अदायगी अवधि
- कृषि औज़ारों, ट्रैक्टरों, फव्वारा सिंचाई पद्धति, ऑयल इंजन, इलेक्ट्रिक पंप सेट जैसे कृषि उपकरण पर निवेश के लिए ऋण की उपलब्धता
- 7 प्रतिशत की दर से 3 लाख रुपये तक अल्पावधि फसल ऋण
- 15 दिनों के भीतर ऋणों का निपटान
- 50 हज़ार रुपये तक कृषि ऋणों के लिए कोई प्रतिभूति नहीं तथा
- एग्री- क्लीनिक और एग्री बिज़नेस ईकाई की स्थापना हेतु 5 लाख रुपये
6. इंडियन बैंक
- उत्पादन ऋण – फसल ऋण, चीनी मिल के साथ समझौता और किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पट्टेदार, बँटाईदार व मौखिक पट्टेदार को फसल ऋण
- कृषि संबंधी निवेश ऋण – भूमि विकास, सूक्ष्म व लघु सिंचाई, कृषि कार्यों में मशीन का प्रयोग, रोपाई व बागवानी
- कृषि संरचित ऋण – किसान बाइक, कृषि बिक्रेता बाइक, कृषि क्लिनिक एवं कृषि व्यवसाय केन्द्र
- कृषि विकास के लिए समूह ऋण/उधार – संयुक्त साझेदार समूह या स्व-सहायता समूह को ऋण
- नवीन कृषि क्षेत्र – ठेका कृषि, जैविक कृषि, ग्रामीण भंडार गृह, कोल्ड स्टोरेज, औषधीय व सुगंधीय पौधे, जैव ईंधन फसल आदि
7. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
- ओरिएंटल ग्रीन कार्ड (ओ.जी.सी.) योजना
- कृषि ऋण हेतु कम्पोज़िट क्रेडिट योजना
- शीत भंडारण/गोदाम की स्थापना
- वित्त पोषण कमीशन एजेन्ट
8. पंज़ाब नेशनल बैंक
- पी.एन.बी.किसान सम्पूर्ण ऋण योज़ना
- पी.एन.बी. किसान इच्छा पूर्ति योजना
- शीत भंडारण प्राप्तियों की गिरवी के बदले आलू/फसलों का उत्पादन
- स्व-प्रेरित संयुक्त कृषक
- वन नर्सरी का विकास
- बंजरभूमि विकास
- खुखड़ी/मशरूम, झींगापन एवं कुकुरमुत्ता झींगा उत्पादन
- दुधारू पशुओं की खरीद एवं देखभाल
- डेयरी विकास कार्ड स्कीम
- मछली पालन, सुअर पालन, मधुमक्खी पालन हेतु योज़ना
9. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद)
- फसल ऋण एवं कृषि गोल्ड ऋण
- कृषि उत्पाद का विपणन
- शीत भंडार/निज़ी गोदाम
- लघु सिंचाई एवं कुँआ खुदाई योजना/पुराने कुँओं के विकास की योजना
- भूमि विकास वित्त पोषण
- ट्रैक्टर, पावर टिलर एवं औज़ारों की खरीद
- कृषि भूमि/परती/बंजर भूमि की खरीद
- किसानों के लिए वाहन ऋण
- ड्रिप सिंचाई एवं छिड़काव
- स्वयं सहायता समूह
- एग्री क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केन्द्र
- युवा कृषि प्लस योज़ना
10. सिंडीकेट बैंक
- सिंडीकेट किसान क्रेडिट कार्ड (एस. के. सी. सी.)
- सोलर वाटर हीटर योज़ना
- एग्री क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केन्द्र
11. विज़या बैंक
- स्वयं सहायता समूहों को ऋण
- विज़या किसान कार्ड
- विज़या प्लान्टर्स कार्ड
- के. वी. आई. सी. मार्जिन मनी स्कीम
- कारीगरों एवं ग्रामीण उद्योग के लिए
12. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- कृषि गोल्ड ऋण
- किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)
- उत्पादन विपणन ऋण
- किसान गोल्ड कार्ड योजना
- एग्री क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्रों की स्थापना
- भूमि खरीद योजना
- ट्रैक्टर ऋणों के लिए स्कॉरिंग मॉडल
- पुराने/उपयोग किए गए ट्रेक्टरों की खरीद योजना
- पावर टिलर्स वित्तीयन
- कंबाइन हार्वेस्टर के लिए वित्त
- मूर्त संपत्ति बनाने वाली फार्म मशीनरी के लिए वित्त पोषण की योजना
- डेयरी इकाइयों के वित्तपोषण के लिए डेयरी प्लस योजना
- डेयरी समितियों के वित्तपोषण के लिए,डेयरी सोसायटी प्लस योजना
- ब्राइलर प्लस
- जनरल क्रेडिट कार्ड (जीसीसी) के अंतर्गत सामान्य उद्देश्यों के लिए ऋण
- एसबीआई कृषक उत्थान योजना
- ग्रामीण भण्डारण योजना–ग्रामीण गोदामों के निर्माण / नवीकरण के लिए पूँजी निवेश अनुदानस्कीम
- किसानों को किराए पर देने के लिए निजी कोल्ड स्टोरेज/निजी गोदाम निर्माण को वित्त देने की स्कीम
- बीज प्रोसेसर वित्तपोषण के लिए योजना
- बीज प्रसंस्करण इकाइयों को रेहन ऋण
- जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना के अंतर्गत जैविक इनपुट संबंधी वाणिज्यिक उत्पादन इकाईयों के लिए पूँजीगत निवेश अनुदान स्कीम
- उधारकर्ताओं के ऋणों की अदला-बदली की योजना
- आढ़तिया प्लस योजना
- लघु सिंचाई योजनाएं
- बागवानी के लिए वित्तपोषण
- काश्तकार किसानों के संयुक्त देयता समूहों का वित्त पोषण
- माइक्रो फाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) / गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के लिए वित्त पोषण की योजना
- संजीवनी
- कृषि कल्याण
- जैविक खेती के लिए वित्त पोषण
- अग्रणी बैंक योजना
- बिजनेस कोरस्पोंडेंट–(बीसी) व्यवस्था
- नई ट्रैक्टर ऋण योजना
- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई)
किसान क्रेडिट कार्ड
Kisan Credit Card
किसान क्रेडिट कार्ड योज़ना
किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य बैंकिंग व्यवस्था से किसानों को समुचित और यथासमय सरल एवं आसान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए उनके वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ
- सरल वितरण प्रक्रिया
- नकद आपूर्ति के लिए बहुत ही आसान प्रक्रिया
- प्रत्येक फसल के लिए ऋण हेतु आवेदन की आवश्यकता नहीं
- किसानों के लिए किसी भी समय ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना व किसानों के लिए ब्याज़ के बोझ को घटाना
- किसानों की सुविधा और विकल्प के अनुसार खाद और उर्वरक की खरीद करना।
- डीलर से नकद खरीद पर छूट
- 3 वर्षों तक ऋण सुविधा- हर मौसम में मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं
- कृषि आय के आधार पर अधिकतम ऋण सीमा को बढ़ाना
- ऋण सीमा के भीतर कई बार राशि का निकालना संभव
- फसल कटाई के बाद अदायगी का प्रावधान
- कृषि अग्रिम के अनुसार ब्याज़ दर लागू
- कृषि अग्रिम के अनुसार प्रतिभूति, मार्जिन एवं प्रलेखन नियम होंगे
किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया
- अपने नज़दीकी सार्वज़निक क्षेत्र के बैंक से सम्पर्क कर ज़ानकारी हासिल करें।
- योग्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा और उन्हें पासबुक दिया जाएगा। पासबुक पर किसान का नाम व पता, भूमि ज़ोत का विवरण, उधार सीमा, वैधता अवधि, एक पासपोर्ट आकार का फोटो होगा जो पहचान पत्र का काम करेगा और लेन-देन का लेखा-ज़ोखा रखेगा।
- खाते का उपयोग करते समय उधारकर्त्ता को अपना कार्ड-सह-पासबुक दिखाना होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाले प्रमुख बैंक
- इलाहाबाद बैंक- किसान क्रेडिट कार्ड
- आँध्रा बैंक- ए. बी. किसान ग्रीन कार्ड
- बैंक ऑफ बड़ौदा- बी. किसान क्रेडिट कार्ड
- बैंक ऑफ इंडिया- किसान समाधान कार्ड
- केनरा बैंक- किसान क्रेडिट कार्ड
- कॉर्पोरेशन बैंक- किसान क्रेडिट कार्ड
- देना बैंक- किसान गोल्ड क्रेडिट कार्ड
- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स- ओरिएंटल ग्रीन कार्ड (ओ. जी.सी )
- पंज़ाब नेशनल बैंक- पी. एन. बी. कृषि कार्ड
- स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद- किसान क्रेडिट कार्ड
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया- किसान क्रेडिट कार्ड
- सिंडिकेट बैंक- सिंडिकेट किसान क्रेडिट कार्ड
- विज़या बैंक- विज़या किसान कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड से लाभ
किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, “व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पैकेज” किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारकों को प्रदान किया जाता है।
योजना की विशेषताएँ
- शामिल करने का दायराः यह योजना देशभर के सभी किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की मृत्यु या स्थायी अक्षमता को शामिल करती है।
- शामिल किये जाने वाले लोगः 70 वर्ष आयु तक के सभी किसान क्रेडिट कार्ड धारक।
- जोखिम का कवरेजः इस योजना के अंतर्गत शामिल लाभ इस प्रकार है-
- दुर्घटना के कारण मृत्यु होना जो कि बाह्य, हिंसक तथा दृष्टिगत कारणों से हो: 50,000 रुपये
- स्थायी पूर्ण अक्षमता: 50,000 रुपये
- दो अंग या दोनों आँख या एक अंग तथा एक आँख खो जाने पर: 50,000 रुपये
- एक अंग या एक आँख खोने पर: 25,000 रुपये
- मास्टर पॉलिसी की अवधिः 3 वर्षों के लिए मान्य।
- बीमाकालः जिन मामलों में वार्षिक प्रीमियम भरा जाना हों उनमें बीमा कवर हिस्सा लेने वाली बैंकों से प्रीमियम प्राप्त होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। तीन वर्ष की अवधि वाले बीमा के मामले में, बीमा काल प्रीमियम प्राप्ति की तिथि से तीन वर्षों तक होगा।
- प्रीमियमः प्रत्येक किसान क्रेडिट कार्ड धारक के लिए लागू 15 रुपये वार्षिक प्रीमियम में से 10 रुपये बैंक तथा 5 रुपये किसान क्रेडिट कार्ड धारक को देना होता है।
- संचालन विधिः क्षेत्रवार आधार पर व्यवसाय की सेवा चार बीमा कम्पनियों द्वारा की जा रही है।
- युनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी, आँध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, अंडमान एवं निकोबार, पुड्डेचेरी, तमिलनाडु तथा लक्षद्वीप को कवर करेगी।
- लागू करने वाली शाखाओं को बीमा प्रीमियम मासिक आधार पर जमा करना होगा एवं उसके साथ उन किसानों की सूची भी देना होगी जिन्हें उस महीने के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हों।
- भुगतान के दावा की प्रक्रियाः मृत्यु, अक्षमता के दावों के मामलों में तथा डूबने से मृत्यु होने पर:दावे का निपटारा बीमा कंपनियों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए एक अलग प्रक्रिया का पालन करना होगा।
कृषि संचालन के लिए ऋण सुविधाएं
- अल्पकालीन ऋण अथवा फसल ऋण
- फसल ऋण पर ब्याज की दर और जमानत आवश्यकता
- कृषि सावधि ऋण
- ब्याज दर और जमानत की आवश्यकताएँ
अल्पकालीन ऋण अथवा फसल ऋण
फसल ऋण को अल्पावधि ऋण भी कहा जाता है “मौसमी कृषि संचालन” फसलों की पैदावार बढाने के लिये जो उपाय भिन्न भिन्न समय किये जाते हैं उन्हें मौसमी कृषि संचालन कहते हैं।
जुताई और बुवाई, निराई, प्रत्यारोपण जहां आवश्यक, के लिए भूमि की तैयारी, ऐसे बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों आदि और खेत में पैदावार बढाने और काटने के लिए श्रम भी इसमे शामिल है। इस तरह जो ऋण फसलों को बोने और खेत में बढाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं उन्हें अल्पावधि ऋण कहा जाता है ।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
फसल ऋण आम तौर पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से बैंकों द्वारा वितरित किये जाते हैं. किसान क्रेडिट कार्ड योजना पूरे देश में लागू है और वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है. छोटे किसान, सीमांत किसान, हिस्सेदार , मौखिक पट्टेदार और किरायेदार किसान सहित सभी किसान को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए प्रावधान है।
केसीसी धारक दुर्घटना में मृत्यु/ स्थायी विकलांगता व व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं। बैंक किसान की खेती के लिए उपलब्ध जमीन और किसान के क्रेडिट इतिहास व् जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तय वित्त की मात्रा के आधार पर किसान की ऋण के लिये योग्यता का आकलन करता है।
केसीसी के दायरे में हाल ही में अल्पावधी के ऋण और खपत जरूरतों को भी शामिल करने के लिए व्यापक आधार दिया गया है। सरकार ने बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड को एक स्मार्ट कार्ड सह डेबिट कार्ड में बदलने की सलाह दी ।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की मुख्य विशेषताओं में से कुछ इस प्रकार हैं
- क्षेत्र की फसल बीमा प्रीमियम और फसल पर ऋण का आंकलन।
- कृषि के लिए जमीन + फसलोत्तर / घर / खपत की आवश्यकताओं के प्रति सीमा के 10% + ऋण सीमा का 20% खेत संपत्ति के रखरखाव के खर्च के तौर पर फसल ऋण घटक का आकलन ।
- सीमांत किसानों के लिए निर्धारित सरल आकलन के साथ फ्लेक्सी के सी सी।
- 5 साल के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की वैधता।
- फसल ऋण के लिए अलग से कोई मार्जिन मार्जिन वित्त की मात्रा पर जोर ना दिया जाना, क्यूंकि इसे फसल ऋण में ही जोड़ दिया गया।
- खाते में कोई कोई भी बकाया 12 माह से अधिक न रहने के लिए प्रावधान , खाते में किसी भी समय जीरो बकाया नहीं रहने का प्रावधान।
- ब्याज दर में छूट / शीघ्र भुगतान के लिए प्रोत्साहन भारत सरकार और/ या राज्य सरकार के नियमों के अनुसार उपलब्ध हो।
- 3.00 लाख रुपये की एक सीमा तक कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं।
- एक समय पहली बार कागजी कार्यवायी और किसान द्वारा उसके बाद साधारण घोषणा (फसलों के बारे में / प्रस्तावित)।
- किसानों के लिए दो अलग खातों के बजाय के सी सी एवं सह जमा खाता। केसीसी सह बचत बैंक खाते में जमा शेष बैंक दर बचत पर ब्याज लाने की अनुमति।
- एटीएम / पीओएस / मोबाइल हैंडसेट की तरह आईसीटी संचालित चैनलों सहित विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से वितरण।
फसल ऋण पर ब्याज की दर और जमानत आवश्यकता
सरकार भारत के निर्देशों के अनुसार वर्ष 2013-14 के लिए सभी 3 लाख रूपये तक के सभी फसल ऋण 7 % प्रतिवर्ष की ब्याज दर होंगी। ठीक समय पर ऋण की वापसी करने पर 3% ब्याज दर छुट का भी प्रावधान भारत सर्कार द्वारा किया गया है। इस प्रकार 4% वार्षिक से कम पर फसल ऋण उपलब्ध है। अधिक किसानों को इस संस्थागत ऋण योजना के अन्तरगत लाने के लिए सरकार चिंतित है।
अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों निजी क्षेत्र के बैंकों से किसानों द्वारा उधार ली गई फसल ऋण को भी इस योजना के अन्दर शामिल किया गया है। 3 लाख रुपये से अधिक फसल ऋण – आर बी आई और अपने निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित अन्य शर्तों के अनुसार ब्याज की दर पर बैंकों द्वारा वितरित किए जा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार 1 लाख रुपये फसल ऋण तक अलग से कोई सुरक्षा रुपये की आवशकता नहीं है । एक लाख रूपये से अधिक ऋण के लिए सुरक्षा राशी निजी बैंक द्वारा आर बीआई के दिशा निर्देशों के संदर्भ में निरधारित की जाती है ।
कृषि सावधि ऋण
किसानो को 18 महीनों तक की भुगतान सीमा वाले ऋण कृषि कार्यों के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए उपलब्ध हैं। इनहें सावधि ऋण या निवेश ऋण के रूप में 1 5 वर्ष तक बढाया जा सकता है और यह डेयरी, वृक्षारोपण, बागवानी, कृषि, लघु सिंचाई, लिफ्ट सिंचाई योजनाएं, भूमि विकास गतिविधियों, भेड़ / बकरी सूअर विकास, पोल्ट्री विकास, अंतर्देशीय मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, ग्रामीण गोदाम, कृषि वानिकी वृक्षारोपण और अन्य गतिविधियों के लिए दिये जाते हैं (यह सूची सिर्फ उदाहरण है।
विवरण के लिए निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करें) विभिन्न गतिविधियों के लिए सान्केतिक लागत नाबार्ड के परामर्श से राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) द्वारा तय की जाती है। वास्तविक ऋण वितरण के समय बैंक सांकेतिक इकाई से वास्तविक स्थिति के अधर पर इसे बड़ा या घटा सकता है ।
ब्याज दर और जमानत की आवश्यकताएँ
अवधि के ऋणों पर ब्याज की दर बैंकों के संबंधित बोर्ड द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों एवं उनके आधार दर के अनुसार तय की जाती है. इसके अलावा, ऋण 3 वर्ष से 15 वर्ष तक की अवधि के लिए दिए जाते हैं . जमानत मुक्त अवधि के ऋण की सीमा को 50, 000 से बढ़ा 1, 00,000 कर दिया गया है. 100,000 रुपये से ऊपर के ऋण के लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार प्रतिभूतियों प्राप्त करते हैं।
कृषि लोन: खेती करने के लिए चाहिए पैसा तो ऐसे करें अप्लाई, ये हैं पूरा प्रोसेस
अगर आप भी खेती करने के लिए लोन लेने की तैयारी कर रहे है तो आज हम आपको उससे जुड़ी सभी जानकारियां दे रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बिना गारंटी वाले कृषि लोन की सीमा बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये कर दी है। किसानों को अभी एक लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के मिलता है। आपको बता दें कि हाल में मोदी सरकार ने बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का ऐलान किया है। जिसके तहत सरकार किसानों को सालाना 6000 रुपये सीधे उनके खाते में देगी। आरबीआई के ऐलान के बाद अगर आप भी खेती करने के लिए लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो आज हम आपको उससे जुड़ी सभी जानकारियां दे रहे हैं।
एग्रीकल्चर लोन
अगर आपके पास खेती करने के लिए ज़मीन है तो अपनी जमीन को बिना गिरवी रखे बना लोन ले सकते हैं। इसकी सीमा एक लाख रुपये है। एक लाख रुपये से ज्यादा के लोन पर जमीन गिरवी रखने के साथ-साथ गारंटर भी देना होगा. आपको बता दें कि आरबीआई ने बिना गारंटी वाले कृषि लोन की सीमा बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये कर दी है. लेकिन बैंक में इसे लागू करने में अभी वक्त लेगा, इसके लिए नोटिफिकेशन जारी होगा।
Q. अगर मेरे पास एक हेक्टेयर जमीन है तो मुझे कितना लोन मिलेगा?
उत्तर प्रदेश के जिले अमरोहा में स्थित प्रथमा बैंक के ब्रांच मैनेजर अंकुर त्यागी ने बताया कि 1 हेक्टकेयर जमीन पर 2 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. लोन की लिमिट हर बैंक की अलग-अलग होती है।
Q. लोन के लिए क्या डॉक्युमेंट चाहिए?
लोन लेने के लिए आधार, पैन कार्ड, के साथ तीन फोटो की जरुरत होती है। अगर लोन एक लाख रुपये तक का है तो कोई गारंटर नहीं चाहिए. लेकिन अधिक का है तो उसके लिए गारंटर की जरुरत होती है. साथ ही, उस गारंटर के नाम पर भी ज़मीन होनी चाहिए. ये भी पढ़ें: इन किसानों के खाते में नहीं आएंगे 2000 रुपये!
लोन के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट खसरा और खतौनी होती है। खसरा को पटवारी बनाता है। इसमें खेती की जमीन की डिटेल होती है। मतलब साफ है कि उस जमीन पर अभी क्या हो रहा है और वह खेती के लिए कितनी उपयोगी है या फिर वह आबादी के बीच में तो नहीं है।
दूसरा महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट खतौनी होता है इसमें जमीन किसके नाम है उसकी डिटेल होती है। अगर जमीन एक से ज्यादा के नाम पर है तो उसके लिए शेयर सर्टिफिकेट बनवाना होता है। इस सर्टिफिकेट पर तहसीलदार के सिग्नेचर होते है।
Q. कृषि लोन पर कितना ब्याज देना होगा?
सरकार कृषि लोन को एक खास कैटेगिरी में रखती है और इसे ज्यादा से ज्यादा देने के लिए बैंकों को कहती है, ताकि दलहन, तिलहन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। ऐसे में 3 लाख रुपये तक के लोन पर 7 फीसदी ब्याज दर तय है. अगर कोई किसान एक साल से पहले इसे चुका देता है तो उसे 3 फीसदी की छूट और मिलती है।