बागवानी संवर्धन सेवा – Horticulture

Bagwani Samvardhan Seva

बागवानी संवर्धन सेवाएं/विशेषज्ञ सेवाएं और राबाबो की सुदृढ़ीकरण क्षमता

बागवानी संवर्धन सेवा

इस घटक के अंतर्गत विशिष्ट अध्ययन तथा सर्वेक्षण को कार्यान्वित किया जाएगा और अध्ययन एवं सर्वेक्षण रिपोर्ट को लक्षित लाभार्थियों द्वारा प्रयोग किए जाने के लिए प्रकाशित करेगा। इसके अतिरिक्त तकनीकी प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएगी तथा सलाहकारी तथा परामर्शी सेवाओं सहित तकनीकी सेवाएं भी प्रदान करेगा। यह कार्य रा.बा.बो. द्वारा आऊटसोर्सड विशेषज्ञों की सेवाओं सहित या रहित किया जाएगा।

1. बागवानी संवर्धन सेवा के घटक

  1. विशेष क्षेत्र/राज्य में बागवानी विकास की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेगा।
  2. बागवानी विकास में बाधाओं की पहचान करना तथा उन्हें दूर करने के उपायों का सुझाव देना।
  3. बागवानी के योजनाबद्ध विकास के लिए अल्पावधि तथा दीर्घावधि रणनीति का विकास करना।
  4. बागवानी के विभिन्न पहलूओं पर प्राथमिक/ गौण आंकड़ों का विकास करना।
  5. इसके अनुसरण में परामर्शी सेवाएं, विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करना और प्रयोगशालाएं आदि स्थापित करना।
  6. शीत संग्रहगारों के तकनीकी मानकों के लिए कार्यान्वयन प्रोटोकाल के अनुसार शीत श्रृंखला अवसंरचना की तकनीकी जांच एंव प्रमाणन आयोजित करना।
  7. नए बागवानी उत्पाद के क्षेत्र में निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक से संबंधित रिपोर्ट तैयार करना।
  8. क्षेत्र के लिए पहचान की गई आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रा.बा.बो. द्वारा किसी अन्य घटक के लिए विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करना।

2. उपयुक्त घटकों के लिए सहायता का तरीका

अध्ययन का 100 प्रतिशत लागत बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा।

3. नोडल संगठन

  1. स्वयं रा.बा.बो.
  2. राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र तथा इसके अंतर्गत संगठन
  3. केन्द्रीय सरकार के संगठन/अभिकरण
  4. अन्य संगठन जैसे भारतीय गुणवत्ता परिषद्/एनएचआरडीएफ आदि।

अध्ययन/सर्वेक्षण के पहलू

  1. राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों/क्षेत्रों/अंचलों में बागवानी के विकास के लिए प्रौद्योगिकी आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन करना।
  2. बाजार अध्ययन / विशेष समस्याएं/क्षेत्र/वस्तु आधारित अध्ययन/अन्य पहलू-अधिकार क्षेत्र मामला दर मामला पर परिवर्तित होगा।
  3. परियोजना की पहचान, सुत्रीकरण, कार्यान्वयन, अनुवीक्षण (निगरानी) तथा मूल्यांकन आदि के लिए विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करना।
  4. रा.बा.बो. द्वारा बह विषयक तथा विशिष्ट अध्ययन करना जैसे अवसंरचना घटकों का निष्पादन मूल्यांकन ।
  5. बागवानी क्षेत्र में प्रयोग के लिए औजार, उपकरण, मशीन, पीएचएम, संग्रहण एवं प्रोटोकाल से संबद्ध विशिष्ट रखरखाव का मजबूत करना।
  6. अच्छी कृषि पद्धतियों, सीओडीईएक्स एवं ईसी मानक के अंतर्गत नए बागवानी उत्पाद के गुणवत्ता मानकों के लिए प्रोटोकाल से संबद्ध मामले।
  7. ताजे बागवानी उत्पाद के संबंध में निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता।
  8. रा.बा.बो. कार्यालय की व्यवसाय प्रक्रिया के लिए ई-साल्यूशनस ।
  9. उत्पादन, पादप संरक्षण, पीएचएम, पैकिंग, संग्रह, विपणन तथा निर्यात से संबद्ध परामर्शी सेवाओं की सुविधा प्रदान करना।
  10. उपर्युक्त सभी पहलू उदाहरणात्मक है और अपने आप में पूर्ण नहीं हैं।

4. परामर्शदाताओं/परामर्शी फर्मों की सूची तैयार करने के मानदंड

  1. परामर्शदाता फर्म को पंजीकृत होना चाहिए तथा इसे बहु विषयक ज्ञान होना चाहिए और 3-5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। 
  2. वैयक्तिक परामर्शदाता या बागवानी/कृषि विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री/प्रबंधन/विधिक/कार्मिक/वित्तीय/विपणन/ सूचना-प्रौद्योगिकी के विषय विशेष विशेषज्ञ को विशिष्ट क्रियाकलापों के लिए शामिल किया जा सकता है जहां व्यक्ति की विशेषज्ञता के अपेक्षाओं की पूर्ति होगी।
  3. परामर्शदाता को बागवानी, वित्तीय प्रबंधन, परियोजना सूत्रीकरण, परियोजना मूल्यांकन, अनुवीक्षण (निगरानी) आदि में विशेषज्ञता तथा अनुभव अवश्य होना चाहिए।
  4. परामर्शदाता को कृषि/बागवानी/कटाई पश्चात प्रबंधन/प्रशीतन, ई-गवरनेन्स, विपणन तथा निर्यात में उनके विगत अनुभव से संबद्ध क्षेत्र में उसी कार्य में सक्षम होना चाहिए।
  5. परामर्शदाता को कार्य की आवश्यकता के अनुसार परामर्शी सेवा में अपेक्षित अवसंरचना को पूरा करना होगा।
  6. ऐसे परामर्शी फर्मों को वरीयता दी जाएगी जिनके पास एक जैसी स्थिति में अध्ययनों का आयोजन करने के अनुभव हो।
  7. विभिन्न स्तरों पर वैयक्तिक परामर्शदाता/विशेषज्ञ, स्रोत व्यक्ति को भी लगाया जा सकता है जो तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगा और उनका मानदेय उनकी योग्यता और अनुभव के अनुरूप एमआईडीएच के राष्ट्रीय स्तर टीएसजी घटक के तहत अनुमोदित दरों पर होगा।
  8. विशिष्ट/बह विषयक अध्ययनों के लिए विशेषज्ञों का चयन इस क्षेत्र में उनकी व्यावसायिकता को ध्यान में रखते हुए राबाबो की कमेटी द्वारा किया जाएगा।
  9. नए बागवानी/कृषि स्नातकों को एमआईडीएच के टीएसजी घटक के अंतर्गत अनुमोदित दरों पर आवश्यकतानुसार लगाया जा सकता है।

5. परामर्शदाता/परामर्शी फर्म की सेवा में शामिल किए जाने के लिए प्रक्रिया

  1. सूचीबद्ध परामर्शदाताओं से अध्ययन आयोजित की जाएगी और परामर्शी सेवाएं ली जाएगी। परामर्शी फर्म/परामर्शदाताओं के पैनल प्रत्येक तीन वर्ष के बाद आवधिक रूप से अद्यतन किए जाएंगे।
  2. सूची में शामिल किए जाने के लिए परामर्शदाता/परामर्शी फर्म से प्रस्ताव मंगाने के लिए एक सार्वजनिक नोटिसजारी किया जाएगा।
  3. बोर्ड की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा परामर्शी फर्म/परामर्शदाताओं के पैनल को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।
  4. राबाबो द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तो की स्वीकृति तथा अपेक्षित कार्य की अनुकूलता के अधीन, एमआईडीएच योजनाओं के अंतर्गत एनएचएम/अन्य संगठन के तहत सूचीबद्ध परामर्शी फर्मा/परामर्शदाताओं की नियक्ति हेतु विचार किया जा सकता है।

6. अध्ययन/सर्वेक्षण या परामर्शी कार्य को रा.बा.बो. द्वारा तैयार किए गए पैनल में शामिल परामर्शदाता फर्म को सौंपने की प्रक्रिया

  1. सूचीबद्ध परामर्शदाताओं के माध्यम से अध्ययन आयोजित किया जाएगा और परामर्शी सेवाएं प्रदान की जाएगी।
  2. परामर्शी फर्मों/परामर्शदाताओं के पैनल को प्रत्येक तीन वर्ष बाद आवधिक रूप में अघतन किया जाएगा।
  3. परामर्शदाताओं को तकनीकी एवं वित्तीय पहलुओं के संबंध में प्रस्ताव देना अपेक्षित होगा।
  4. अधिकार प्राप्त समिति के विचारार्थ प्रस्तावों की जांच बोर्ड द्वारा की जाएगी।
  5. बोर्ड द्वारा निर्धारित तारीख एवं समय पर परामर्शदाता अपना मामला अधिकार प्राप्त समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करेंगे।
  6. अध्ययन की अवधि का निर्णय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा मामला दर मामला आधार पर किया जाएगा।
  7. अध्ययन कार्य अधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसा पर बोर्ड द्वारा सौंपा जाएगा।

7. भुगतान का तरीका

  1. कार्य सौंपने के समय 25 प्रतिशत।
  2. मसौदा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के समय 50 प्रतिशत ।
  3. अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के समय तथा इसे बोर्ड/ संबंधित राज्य सरकार/संगठन द्वारा स्वीकृत किए जाने के समय 25 प्रतिशत।

नोट: –

अग्रिम भुगतान दिए जाने से पहले परामर्शदाता/परामर्शी फर्म को क्षतिपूर्ति बंध-पत्र तथा वेयक्तिक गारंटी प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा। मसौदा रिपोर्ट प्रस्तुत करने में होने वाली किसी प्रकार के विलंब के लिए परामर्शदाता से एक माह अथवा उसके हिस्से के प्रत्येक विलंब के लिए कुल शुल्क का 1 प्रतिशत की दर से पेनल्टी के रूप में वसूल किया जाएगा।

8. अध्ययन/सर्वेक्षण मसौदा रिपोर्ट को प्रस्तुत करना

  1. परामर्शदाताओं द्वारा मसौदा रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर प्रस्तुत करना होगा।
  2. परामर्शदाता को स्लाइडों आदि के माध्यम से किए गए अध्ययन कार्य को रा.बा.बो. तथा संबद्ध प्रायोजक संगठन के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
  3. रा.बा.बो./प्रायोजक संगठन की टिप्पणियां अध्ययन रिपोर्ट में शामिल की जाएगी।
  4. रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आयोजन का समन्वय संबंधी कार्य परामर्शदाताओं द्वारा किया जाएगा।

9. अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करना

परामर्शदाताओं को मसौदा रिपोर्ट तथा अंतिम रिपोर्ट, विधियत सजिल्द की गई अपेक्षित प्रतियां सॉफ्ट कापी सहित प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा।

रा.बा.बो. सूची में शामिल किए गए परामर्शदाताओं/परामर्शी फार्मों की मदद से विशिष्ट प्रयोगशाला की स्थापना सहित परामर्शी सेवाएं ले सकता है।

बागवानी से संबन्धित अन्य जानकारी

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