बीज – अच्छे बीज, अच्छे बीजों के गुण एवं विशेषताएं

अच्छी फसल के लिए अच्छे बीजों का होना बेहद जरूरी है। लेकिन सही वितरण तंत्र न होने के चलते छोटे किसानों की पहुंच में ये महंगे और अच्छे बीज नहीं होते हैं। इसके चलते इन्हें कोई लाभ नहीं मिलता और फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

बीज

बीज एक परिपक्व बीजाण्ड है,जो निषेचन के बाद क्रियाशिल होता है, बीज उचित परिस्थितिया जैसे जल, वायु, सूर्य प्रकाश आदि मिलने पर क्रियाशिल होता है।

अक्षेत्रे बीजमुत्सृष्टमन्तरैव विनश्यति।

अबीजकमपि क्षेत्रं केवलं स्थण्डिलं भवेत्।

सुबीजम् सुक्षेत्रे जायते संवर्धते॥

उपरोक्त श्लोक द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अनुपयुक्त भूमि में बीज बोने से बीज नष्ट हो जाते हैं और अबीज अर्थात गुणवत्ताहीन बीज भी खेत में केवल लाथड़ी बनकर रह जाता है। केवल सुबीज-अर्थात् अच्छा बीज ही अच्छी भूमि से भरपूर उत्पादन दे सकता है।

सुबीज़ क्या है?

अब यह जानना आवश्यक है कि सुबीज़ क्या है सुबीजम् सु तथा बीजम् शब्द से मिल कर बना है। सु का अर्थ अच्छा और बीजम् का अर्थ बीज अर्थात् अच्छा बीज। अच्छा बीज जानने के पूर्व यह जानना भी आवश्यक है कि बीज क्या है?

BEEJ: Achchhe Beej Gun & Visheshta

परिभाषा

  1. ऐसी रचना जो साधारणतया गर्भाधान के बाद भ्रूण से विकसित होती है बीज कहलाती है।
  2. विस्तारणीय ऐसी इकाई को भ्रण से उत्पन्न होती है बीज कहलाती है।
  3. ऐसा परिपक्व भ्रूण जिसमें एक पौधा छिपा होता है। और पौधों के आरंभिक पोषण के लिए खाद्य सामग्री हो तथा यह बीज कवच से ढका हो और अनुकूल परिस्थितियों में एक स्वस्थ पौधा देने में समर्थ हो, बीज कहलाता है।
  4. ऑक्सफोड शब्दकोश के पृष्ठ 2708 के अनुसार पौधे का भ्रूण या पौध का भाग जो बोने के उद्देश्य से इकट्ठा किया गया हो, बीज कहलाता है।
  5. एनसाईक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार बीज वह आकृति है जिसमें भ्रूण बाहरी रक्षा कवच (बीज आवरण) से ढका हो इसके अतिरिक्त खाद्य पदार्थ एन्डोस्पर्म के रूप में उपलब्ध हो तथा यहां यह पदार्थ एन्प्डोस्पर्म के रूप में न हो यहां, बीज पत्रों के रूप में हो।
  6. बीज का विकास अंडे व स्पर्म के गर्भाधान क्रिया के द्वारा होता है। और इस प्रकार से उत्पन्न युग्मज में कोशिका तथा नाभकीय विभाजन होता है तथा भ्रूण के रूप में विकसित होता है बीज निर्माण की यह प्रक्रिया विभिन्न पौधों में भिन्न-भिन्न प्रकार से होती है।

अच्छे बीज तो भरे भंडार

देश के सिंचित क्षेत्र में अनाज की दो प्रमुख फसलें उगाई जाती हैं गेहूँ और धान। इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए, फसल को रोगों से बचाने के लिए और अच्छी किस्म का अनाज पाने के लिए उन्नत किस्म के बीज विकसित किए गए हैं। गेहुँ और धान के अलावा मोटे अनाज, दालें, तिलहन तथा फल-सब्जियों की उन्नत किस्में भी तैयार हुई हैं। ऐसे बीज किसान को उपलब्ध हो सकें, इस दिशा में भी बराबर प्रयास हो रहे हैं।

बीज कहाँ से प्राप्त करें

हर तीन या चार वर्ष बाद बीज बदलना एक अच्छी नीति है, जिसके परिणामस्वरूप फसल अच्छी होती है। अच्छी उपज के लिए प्रमाणित बीज का प्रयोग करें, जो कि अच्छे संस्थान से ही प्राप्त हो सकता है। इससे अच्छा जमाव और बीज की किस्म की उत्तमता के विषय में सुनिश्चितता होती है, साथ-साथ बीज शारीरिक बीमारियों से मुक्त होता है।

अच्छे बीजों के गुण एवं विशेषताएं

फसलों के अच्छे बीजों के गुण एवं विशेषताएं:- अच्छा बीज वह होता हैं जिसकी अंकुरण क्षमता अधिक हो, तथा बीमारी, कीट, खरपतवार के बीज व अन्य फसलों के बीजों से मुक्त हो। किसान अच्छे बीजों की बुवाई करके पैदावार व अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। जबकि खराब गुणों वाले बीजों को बोने से खेती के अन्य कार्य जैसे खाद, पानी, खेत की तैयारी आदि किसान का खर्च व मेहनत बेकार हो जाते हैं। फसलों के अच्छे बीजों के गुण एवं विशेषताओं ये निम्न प्रकार के होते हैं-

  • बीज की भौतिक शुद्धता
  • बीज की आनुवंशिक शुद्धता
  • बीजों के गुण, आकार, आकृति एवं रंग
  • बीजों में नमी की मात्रा
  • बीज की परिपक्वता
  • बीजों की अंकुरण क्षमता
  • बीजों की जीवन क्षमता

कैसे पहचाने अच्छे बीज?

हम जानते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। जहाँ लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती करते है। जो लोग खेती करते है, उन्हें हम किसान कहते है। और हर एक किसान की बस एक ही इच्छा होती है कि उसकी फसल बहुत अच्छी हो, और उसे बहुत मुनाफा हो। ताकि वह अपनी पूरी लागात निकाल सके। लेकिन अच्छी फसल तभी प्राप्त होगी, जब हम खेतों में अच्छे बीज डालेंगे। और इसके लिए किसानों को अच्छे व बुरे बीज की पहचान होना जरुरी है। ताकि वह आसानी से उत्तम बीज को ला सके। और कम लागात में ही बहुत सारा मुनाफा कमाये।

अच्छे बीज की पहचान व गुण

अच्छा बीज वह होता है जिसकी अंकुरण क्षमता अधिक होती है। जिसके अन्दर किसी भी अन्य बीज की मिलावट व कंकड़ ,पत्थर की मिलावट न हो ,तथा बीज आकार व रंग में एक जैसे हो। और बीज के अन्दर नमी की मात्रा सही होना चाहिए ताकि बीज अच्छे से अंकुरित हो सके ,अगर बीज में नमी की मात्रा सही नहीं होगी तो बीज के अन्दर उपस्थित भ्रूण की मृत्यु हो जाएगी। तथा बीज अंकुरित नहीं होगा। बीजों की परिपक्वता सही होना चाहिए ताकि फसल सही हो।

अच्छे बीज की विशेषताएं

  • जब भी किसान बीज खरीदे ,तो इस बात का ध्यान रखे कि बीज हमेशा भरोसेमंद दुकान या किसान से ही खरीदे। जिसकी अंकुरण क्षमता अधिक हो।
  • बीज कटा हुआ ,नहीं होना चाहिए। क्योंकि कटे बीज में अंकुरण कम होता है।
  • अच्छा बीज कंकड़ ,पत्थर व धूल रहित होना चाहिए।
  • अच्छा बीज कीटों से मुक्त होना चाहिए।
  • जो भी बीज ले ,वह रोग मुक्त होना चाहिए ताकि आपको स्वस्थ फसल प्राप्त हो सके।
  • बीज छोटा व सुखा नहीं होना चाहिए।
  • बीज के अंदर नमी की मात्रा पर्याप्त होना चाहिए ताकि अंकुरण अच्छे से हो सके।
  • बीज में भौतिक शुद्धता का अपेक्षित स्तर होना चाहिए।
  • उत्तम बीज वह होता है जिसके अंदर किसी दूसरे बीज की मिलावट न हो।
  • बीज खरपतवार रहित होना चाहिए। जैसे – सांवा ,अकरी ,मुर्दों ,केना आदि बीज की उपस्थिति नहीं होना चाहिए।

अगर किसान बीज को लेते समय इन सभी बातों का ध्यान रखे ,तो वह अपने खेतों के लिए उत्तम बीज का चयन कर सकता है। और एक अच्छी फसल प्राप्त कर सकता है।

अच्छे बीज से सम्बंधित कुछ सवाल एवं उनके जवाब

Que: 1. उत्तम कोटि का बीज क्या है?

Ans: अनुवॉंशिक रूप से शतप्रतिशत शुद्ध बीज को उत्तम बीज कहते है

Que: 2. बुवाई के लिए कौन से बीज का प्रयोग करें?

Ans: प्रमाणित बीज बुवाई के लिए उपयुक्त होता है। किसान भाई आधारीय बीज-1 एवं आधारीय बीज-2 से भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं

Que: 3. बीज शोधन कैसे करें तथा क्या लाभ है?

Ans: प्रमाणित बीज शोधित बीज होता है, किन्तु जिन बीजों का शोधन नहीं हुआ हो उन्हें थीरम अथवा कार्बेन्डाजिम से शोधित करें, जिससे बीमारियों एवं रोगों से मुक्ति मिल सके।

Que: 4. बीज उत्पादन में रोगिंग क्या है?

Ans: बीज उत्पादन की प्रक्रिया में नियत प्रजाति के उत्पादन में अन्य प्रजाति के पौधे को उखाड़कर खेत से बाहर करना रोगिंग कहलाता है, जिससे बीज/प्रजाति की शुद्धता बनी रहती है।

Que: 5. क्या कई प्रकार के बीज होते है?

Ans: जी हॉं मुख्यतया चार प्रकार के बीज होते है-

  1. प्रजनक बीज
  2. आधारीय बीज
  3. प्रमाणित बीज
  4. सत्यापित बीज

Que: 6. बीजों की गुणवत्ता कहॉं जॉंची जाती है?

Ans: प्रदेश बीज विश्लेषण केन्द्र जहॉं से बीजों की गुणवत्ता की जॉंच की जाती है।

Que: 7. बीज खरीदते समय किस बात का ध्यान रखें?

Ans: बीज क्रय करते समय रसीद जरूर प्राप्त करें तथा बीज के बैग पर टैगिंग को जरूर देखें।

Que: 8. बीजोत्पादन क्या किसान कर सकता है?

Ans: जी हॉं, सर्वप्रथम बीजोत्पादन हेतु पंजीकरण करायें तत्पश्चात बोये जाने वाली फसल की प्रजाति सुनिश्चित करते हुए बीज उत्पादन तकनीकी प्रक्रिया को अपनायें।

Que: 9. हाइब्रिड बीज क्या है?

Ans: अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु शोध द्वारा बीजों के गुणो में विकास कर तैयार किये गये बीज को हाइब्रिड बीज या संकर बीज कहते है।

Que: 10. हाइब्रिड बीज को अगले वर्ष के लिए प्रयोग किया जा सकता है?

Ans: प्रयास करें कि हाइब्रिड का भण्डारण कृषक अपने स्तर पर न करें क्योंकि इनमें अंकुरण क्षमता वाहय कारणों के कारण प्रभावित हो जाता है, जिससे जमाव घट जाता है। अतः किसान भाई प्रत्येक वर्ष नये हाइब्रिड बीज का उपयोग करें।

Que: 11. क्या सभी फसलों के हाइब्रिड बीज उपलब्ध है?

Ans: मुख्य रूप से धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, सरसों के हाइब्रिड बीज उपलब्ध है

Que: 12. संस्तुत प्रजातियॉं क्या हैं?

Ans: शोध के उपरान्त सरकारी तन्त्र से अनुमोदित प्रजातियॉं ही संस्तुत प्रजातियॉं कहलाती है।

Que: 13.सत्यापित बीज (टी0एल0) का प्रयोग लाभदायी है अथवा नहीं?

Ans: सत्यापित बीज अथवा टी0एल0 का उत्पादन भी प्रमाणित बीज की तरह किया जाता है तथा बीज के बैग पर संस्था का टैग लगा होता है, इसलिए सत्यापित बीज अथवा टी0एल0 का प्रयोग लाभदायी होता है।

Que: 14. बीज का जमाव कम हो अथवा बीज खराब हो इसकी सूचना किसे दें?

Ans: जिला कृषि अधिकारी/उप कृषि निदेशक को खराब बीज की सूचना अवश्य दें, जिससे उचित कार्यवाही की जा सके।

You May Also Like

साख प्रबंधन: Credit Management & Rural Credit

साख प्रबंधन: Credit Management & Rural Credit

भूमि प्रबंधन – भूमि प्रबंधन समिति, आवश्यकता, भूमि उपयोग

भूमि प्रबंधन – भूमि प्रबंधन समिति, आवश्यकता, भूमि उपयोग

परिवहन – परिवहन व्यवस्था, परिवहन की विधि, भारत में परिवहन व्यवस्था

परिवहन – परिवहन व्यवस्था, परिवहन की विधि, भारत में परिवहन व्यवस्था

पूंजी (Capital) – पूंजी की कमी, शेयर (अंश) और उसके प्रकार

पूंजी (Capital) – पूंजी की कमी, शेयर (अंश) और उसके प्रकार